कोरोनरी एंजियोप्लास्टी क्या है ?
कोरोनरी एंजियोप्लास्टी जिसे परक्यूटेनियस कोरोनरी इंटरवेंशन भी कहते हैं ,एक प्रक्रिया है जिसके द्वारा हृदय को रक्त पहुँचाने वाली धमनियों के अवरोध को खोल दिया जाता है । इन धमनियों को कोरोनरी धमनी कहते हैं । एंजियोप्लास्टी में एक छोटे से गुब्बारे को जहाँ आपकी धमनी में अवरोध है वहाँ सन्निविष्ट करके फुला दिया जाता है जिससे धमनी चौड़ी हो जाती है ।
सामान्यतः, एंजियोप्लास्टी प्रक्रिया को, स्टेंट कहे जाने वाले छोटे तार के जाल वाली ट्यूब के सुदृढ़ अवस्थापन के साथ ही युक्त किया जाता है जिसके द्वारा धमनी को अवलंब प्रदान कर उसको फैला कर खोल दिया जाता है तथा उसके पुनः फिर से सिकुड़ने की संभावना को कम कर दिया जाता है। कुछ स्टेंट विशिष्ट औषधि द्वारा लिप्त होते हैं ताकि धमनी को लम्बी अवधि के लिए खुला रखा जा सके (औषध स्रावित करने वाले स्टेंट) जबकि अन्य सामान्य ही होते हैं (अनावृत धातु के स्टेंट) ।
एंजियोप्लास्टी हृदय की धमनियों में अवरोध के कारण जो लक्षण थे उनमें सुधार कर सकता है जैसे छाती में दर्द और श्वास लेने में दिक्कत । एंजियोप्लास्टी का प्रयोग हृदयाघात के समय भी अवरुद्ध धमनी को खोलने और आपके हृदय को होने वाली क्षति को कम करने के लिए हो सकता है ।
कोरोनरी एंजीयोप्लास्टी क्यों की जाती है
ऐथेरोस्क्लेरोसिस नामक हृदय रोग के उपचार के लिए एंजियोप्लास्टी की जाती है । ऐथेरोस्क्लेरोसिस आपके हृदय वाहिकाओं (कोरोनरी धमनियाँ) में फैटी प्लाक जमने की धीमी प्रक्रिया है । जब दवाइयों या जीवन शैली को परिवर्तन से आपके हृदय के स्वास्थ्य को कोई लाभ नहीं होता या आपको हृदयाघात हुआ है या आपके हृदय का दर्द बढ़ता जा रहा है या अन्य लक्षण दिखते हैं तब आपके डॉक्टर उपचार के विकल्प के रूप में एंजियोप्लास्टी की सलाह दे सकते हैं ।
एंजियोप्लास्टी सभी के लिए नहीं है । जब आपके हृदय की बायीं ओर रक्त ले आने वाली धमनी पतली हो गई है या आपके हृदय की मांसपेशियाँ कमजोर पड़ गई हैं या आपकी रक्त ले आने वाली धमनी कई रोगों से ग्रस्त हो गई है, तब कोरोनरी धमनी की बाईपास सर्जरी एंजियोप्लास्टी की तुलना में एक अच्छा विकल्प हो सकता है ।
यह महत्वपूर्ण नैदानिक निर्णय विभिन्न मापदण्ड़ों पर निर्भर करता है और इसका निर्णय अपोलो हार्ट टीम द्वारा किया जाता है । कोरोनरी धमनी की बाईपास सर्जरी में आपके शरीर के दूसरे हिस्से की धमनी का प्रयोग करके आपकी धमनी के अवरुद्ध भाग को बाईपास कर दिया जाता है ।
बाईपास सर्जरी की अपेक्षा एंजियोप्लास्टी करने का निर्णय आपके रोग की स्थिति, आपकी कोरोनरी धमनियों में अवरोध की स्थिति और कुल मिला कर आपके स्वास्थ्य की स्थिति पर निर्भर करता है ।
आप इसके लिए कैसे तैयार होते हैं
एंजियोप्लास्टी के पहले आपके डॉक्टर आपके चिकित्सा के इतिहास का आकलन करेंगे और शारीरिक परीक्षण भी करेंगे ।
- आपको इमेंजिंग टेस्ट, जिसे धमनी एंजियोग्राम कहते हैं, से गुजरना होगा यह देखने के लिए कि क्या अवरोध का उपचार एंजियोप्लास्टी से सम्भव हो पाएगा । आपके हृदय की धमनी पतली हो गई है या उसमें अवरोध है , इसका निर्णय करने में धमनी एंजियोग्राम डॉक्टर की सहायता करता है ।
- धमनी एंजियोग्राम में कैथिटर-एक लम्बी,पतली ट्यूब जिसे कच्छ, भुजा या कलाई से आपके हृदय की धमनी तक पहुँचाया जाता है, की सहायता से तरल रंग को आपकी हृदय की धमनी में प्रविष्ट कराया जाता है । जैसे ही रंग आपकी धमनियों में प्रविष्ट होता है, धमनियाँ एक्सरे और वीडियो में दृष्टिगोचर होने लगती हैं, जिससे आपके डॉक्टर देख पाते हैं कि आपकी धमनियाँ कहाँ अवरुद्ध हैं । यदि आपके डॉक्टर को कोरोनरी एंजियोग्राम करते हुए अवरोध मिलता है तो यह सम्भव है कि जब आपके हृदय में कैथिटर लगा है तभी एंजियोग्राम के तुरन्त बाद एंजियोप्लास्टी या स्टेंट लगाने का निर्णय करें ।
- सामान्यतः प्रक्रिया के लिए जो समय निर्धारित किया गया है उसके आठ घण्टा पहले से आपको कुछ भी खाना या पीना नहीं है । यदि आप इस प्रक्रिया के पहले से ही अस्पताल में हैं तो तैयारी अलग हो सकती है ।
- इसके पहले आपको कुछ सामान्य परीक्षण जैसे छाती का एक्स-रे, एलेक्ट्रोकार्डियोग्राम और रक्त की जाँच करानी पड़ेगी ।
- एंजियोप्लास्टी से पहले अपनी वर्तमान दवाओं के विनिमयन के लिए डॉक्टर के परामर्श का पालन कीजिए । हो साकता है कि आपके डॉक्टर आपको एंजियोप्लास्टी से पहले कुछ दवाओं को लेने से मना करें ।
- अपनी एलर्जी के बारे में अपने डॉक्टर को बताइए साथ ही पहले के नैदानिक परीक्षण में प्रयोग किए जाने वाले रंगों से होने वाली एलर्जी के विषय में भी बताइए ।
आप इस प्रक्रिया के दौरान क्या उम्मीद कर सकते हैं ।
आपके पैर, भुजा या कलाई पर की चमड़ी पर एक बहुत ही छोटा और पतला सा चीरा लगाया जाता है और उसमें एक छोटा ,पतला ट्यूब (कैथेटर) डाला जाता है और यह प्रक्रिया पूरी होती है ।
एंजियोप्लास्टी एक हृदय रोग विशेषज्ञ (कार्डियोलॉजिस्ट), कार्डियोवैस्कुलर विशेषज्ञ नर्सों की टीम और तकनीशियनों द्वारा एक विशेष ऑपरेटिंग रूम जिसे कार्डिएक कैथीटेराइजेशन प्रयोगशाला (कैथ लैब) कहते हैं , में सम्पादित किया जाता है ।
सामान्यतः एंजियोप्लास्टी की प्रक्रिया, चीरे के आकार और जटिलता को ध्यान में रखते हुए आपकी कलाई क्षेत्र की धमनी (रेडियल धमनी) या आपके कमर क्षेत्र की धमनी (फेमोरल धमनी) से सम्पादित की जाती है । कभी कभार इसका सम्पादन आपकी भुजा की धमनी या कलाई क्षेत्र की धमनी से भी किया जाता है । प्रक्रिया से पहले उस क्षेत्र को एंटीसेप्टिक विलयन के प्रयोग से तैयार किया जाता है और आपके शरीर को रोगाणुहीन चादर से ढक दिया जाता है ।
जहाँ से कैथेटर को डाला जाएगा उस क्षेत्र को सुन्न करने के लिए स्थानीय निश्चेतक को अन्तःक्षिप्त किया जाता है । प्रक्रिया के दौरान आपके हृदय की निगरानी के लिए आपकी छाती पर छोटे इलैक्ट्रोड पैड रखे जाते हैं।
समान्य निश्चेतक की आवश्यकता नहीं है। आपको शामक औषधि दी जाएगी लेकिन आप प्रक्रिया के दौरान सचेत ही रहेंगे। आपको द्रव्य पदार्थ, शिथिलता प्रदान करने के लिए औषधि एवं रक्त को पतला करने के लिए औषधि (स्कन्दनरोधी) आई.वी लाइन के द्वारा दी जाएगी।
इसके बाद प्रक्रिया आरंभ होगीः
चीरा लगाए गये क्षेत्र को सुन्न करने के बाद, एक छोटी सूई के द्वारा आपके पैर या बांह की धमनी में प्रविष्टि अवस्थापित की जाती है । त्वचा पर छोटा सा चीरा लगाया जाता है। आपके डॉक्टर उसके बाद धमनी में गाइड-वायर तथा उसके पीछे एक कैथेटर डालते हैं एवं उसको तब तक अंदर धकेलते हैं जब तक वह आपके हृदय में मौजूद अवरोध तक नहीं पहुँच जाता है। जहाँ से कैथेटर को धमनी के अंदर डाला गया है, वहाँ शायद आपको थोड़ा भार या तनाव महसूस हो लेकिन आपको किसी भी प्रकार का तेज दर्द महसूस नहीं होगा अन्यथा आपको अपने डॉक्टर को यह बताना चाहिए। आपको शरीर में कैथेटर महसूस नहीं होगा। कैथेटर के माध्यम से डाइ की छोटी सी मात्रा को अंतःक्षेपित किया जाता है। यह आपके डॉक्टर को एंजियोग्राम कही जाने वाली ऐक्स-रे इमेज़ में धमनी में अवरोध का पता लगाने में मदद करता है। अब डॉक्टर कैथेटर के अंत पर लगे एक छोटे से बैलून को फुला कर बंद पड़ी अवरोधित धमनी को खोल देते हैं।
जब धमनी को फैला दिया जाता है तब गुब्बारे को पिचका कर हटा दिया जाता है । आपके डॉक्टर गुब्बारे को हटाने के पहले उसे कई बार फुला और पिचका सकते हैं जिससे आपकी धमनी को हर बार थोडा़ और चौड़ा किया जाता है ।
यदि आपकी धमनियों में कई अवरोध हैं तो हर ब्लाक में इस प्रक्रिया को दुहराया जाएगा । गुब्बारा एक क्षण के लिए आपके हृदय के एक भाग के लिए रक्त प्रवाह को रोक देता है, इसलिए जब इसे फुलाया जाता है तब छाती में दर्द होना अस्वाभाविक नहीं है ।
स्टेंट प्लेसमेंट
जिन लोगों की एंजियोप्लास्टी हुई है उनमें से अधिकतर की एंजियोप्लास्टी करते समय ही अवरुद्ध धमनी में स्टेंट स्थापित कर दिया जाता है । सामान्यतः फुलाए हुए गुब्बारे से धमनी को चौड़ा करके स्टेंट डाल दिया जाता है । स्टेंट धमनी की दीवारों को सहारा देता है जिससे एंजियोप्लास्टी के बाद धमनी फिर से संकरी न होने पाएं । देखने में स्टेंट तार की जाली से बने छल्ले की तरह लगता है ।
स्टेंट प्लेसमेंट कैसे होता है
कैथेटर के अंत में बैलून के चारों तरफ स्टेंट को लपेट दिया जाता है एवं धमनी के अंदर अवरोध तक डाल दिया जाता है। अवरोध के स्थान पर बैलून में हवा भर ही जाती है एवं किसी स्प्रिंग की भांति फैल कर धमनी के अंदर नियत स्थान पर बैठ जाती है। लगाया गया स्टेंट हमेशा के लिए स्थापित हो जाता है और धमनी को अभिस्तारण प्रदान कर उसको खुला रखता है एवं हृदय को जाते रक्त प्रवाह को बेहतर बनाता है। कुछ उदाहरणों में अवरोध को खोलने के लिए एक से अधिक स्टेंट की आवश्यकता होती है। एक बार जब स्टेंट को स्थापित कर दिया जाता है तब बैलून कैथेटर को पृथक कर दिया जाता है एवं फिर से कई एक्स-रे प्रतिबिंब खींचे जाते हैं (एंजियोग्राम ) जिससे यह निर्धारण किया जा सके कि इस प्रक्रिया के उपरांत हाल ही में फैलायी गई धमनी की रक्त प्रवाह स्थिति क्या है। अंततः गाइड कैथेटर को वापस हटा लिया जाता है और इस प्रकार यह प्रक्रिया पूर्ण हो जाती है।
स्टेंट के व्यवस्थापन के बाद आपको ऐस्पिरिन या क्लोपिडॉग्ररल जैसी औषधियों के साथ दीर्घकालीन चिकित्सा की आवश्यकता होती है, जिससे स्टेंट के कारण हो सकने वाले रक्त के थक्के बनने की संभावना को शून्य किया जा सके। वाहिनियों की संख्या, अवरोध का फैलाव, उम्र, चूर्णियित वाहिनियों के आधार पर यह प्रक्रिया करीब 90 से 150 मिनिटों तक चल सकती है। अपोलो हस्पताल में, हमारे पास इन्ट्रावैस्कुलर अल्ट्रासाउन्ड (आई.वी.यू.एस), औपटिकल कोहरेंस टोमोग्राफी (ओ.सी.टी) एवं फ्रैकश्नल फ्लो (एफ.एफ.आर) जैसी अत्याधुनिक इमेजिंग तकनीक मौजूद है । इन्ट्राकोरोनरी इमेजिंग प्रक्रिया में वाहिनियों एवं अवरोध के विस्तार के मूल्यांकन, वाहिनि अखंडता के अवलोकन, आघात से संबद्ध आकारिकी की विशेषता को समझने तथा सर्वोत्कृष्ट परक्युटेनियस कोरोनरी मध्यवर्तन(पी.सी.आई) की क्षमता होती है।
इस प्रक्रिया के बाद
यदि आप बड़े खतरे की प्रक्रिया से गुजरे हैं तो हो सकता है कि आपको अस्पताल में तीन दिन रुकना पड़े, और एक या दो दिन के लिए आपको आइसीयू में रख कर निरन्तर निगरानी में रखा जाए और फिर डिस्चार्ज से पहले एक दिन के लिए वॉर्ड में स्थानान्तरित कर दिया जाए। कम खतरनाक वाली प्रक्रिया के मामले में रोगी को दूसरे दिन डिस्चार्ज कर दिया जाता है ।
सामान्यतः एंजियोप्लास्टी के एक सप्ताह के बाद आप अपने काम पर या अपनी सामान्य दैनिक दिनचर्या पर लौट सकते हैं । घर आने पर आप बहुतायात में तरल पदार्थ लें जिससे कंट्रास्ट डाई शरीर से बाहर निकल जाए। थकाने वाले व्यायाम से बचें और एकदिन भारी सामान उठाने से भी बचें ।
एंजियोप्लास्टी के बाद का जीवन
रक्त को पतला करने वाला
यह महत्वपूर्ण है कि आप अपने उपचार के लिए रक्त को पतला करने वाले तथा अन्य औषधियों के प्रयोग के लिए अपने डॉक्टर की संस्तुति का पूरी तरह पालन कीजिए। अपने कॉर्डियोलॉजिस्ट से जाँच कराए बिना कोई दवा बन्द न कीजिए ।
हृदय को स्वस्थ रखने वाली जीवन शैली के प्रति बदलाव
धमनी एंजियोप्लास्टी का अर्थ है आपकी पहले की सँकरी और अवरुद्ध कोरोनरी धमनियों से हो रहा रक्त प्रवाह अपेक्षाकृत उल्लेखनीय रूप से बढ़ जाता है । आपकी छाती के दर्द में सामान्यतः कमी आनी चाहिए और आप अपेक्षाकृत बेहतर व्यायाम सकते हैं ।
- धूम्रपान छोड़ दें
- अपने कोलेस्ट्राल के स्तर को कम करें
- स्वस्थ वजन को बनाए रखें
- अन्य विकारों को नियंत्रित रखें, जैसे मधुमेह एवं उच्च रक्त चाप
- नियमित व्यायाम करें