Verified By Apollo Pulmonologist September 18, 2023
6102डेल्टा प्लस वेरिएंट, जो भारत में पहले पाए गए डेल्टा वेरिएंट का म्यूटेटेड (रूपांतरित) फॉर्म है, पहली बार 11 जून 2021 को पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड बुलेटिन में रिपोर्ट किया गया।
हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार, डेल्टा वेरिएंट अब तक 85 देशों में पाया गया है और दक्षिण अफ्रीका में कोविड -19 के संक्रमण में बढ़ोत्तरी का मुख्य कारण है। दक्षिण अफ्रीका के संक्रामक रोग विशेषज्ञों का मानना है कि डेल्टा वेरिएंट के कारण देश पहले से ही संक्रमण की तीसरी लहर का सामना कर रहा है।
फैलने की ज्यादा क्षमता वाला डेल्टा प्लस वेरिएंट, अधिकांश दवाइयों और उपचारों का प्रति रेजिस्टेंट है यानी उनका प्रतिरोध करता है, जिसके चलते यह चिंता का विषय बन रहा है। भारत के 12 राज्यों में 49 सैंपल्स में जो स्ट्रेन मिला है, वह पहले ही ‘वेरिएंट ऑफ़ कंसर्न’ (वीओसी) बन चुका है। अभी तक, महाराष्ट्र में डेल्टा प्लस वेरिएंट के सबसे अधिक केस रिपोर्ट किए गए है।
डेल्टा प्लस वेरिएंट से लड़ने के लिए वैक्सीनेशन और कोविड सुरक्षा उपाय जैसे फेस मास्क पहनना जरूरी हैं।
COVID-19 डेल्टा प्लस वेरिएंट डेल्टा वेरिएंट का एक उप-वंश है जो पहली बार भारत में पाया गया था। इस वेरिएंट ने K417N नाम का स्पाइक प्रोटीन म्यूटेशन किया, जो पहले दक्षिण अफ्रीका में पहचाने गए बीटा वेरिएंट में भी पाया गया था। कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि म्यूटेशन से इसकी फैलने की क्षमता बढ़ जाती है।
भारत सरकार ने हाल ही में कहा था कि नया डेल्टा प्लस वेरिएंट ‘वेरिएंट ऑफ़ कंसर्न’ है। इसकी तीन विशेषताएँ हैं:
वर्तमान में, भारत उन नौ देशों में से एक है जहाँ नया कोविड डेल्टा प्लस वेरिएंट डिटेक्ट किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, यूके, यूएस, चीन, नेपाल, स्विट्जरलैंड, पुर्तगाल, पोलैंड, जापान और रूस में भी वेरिएंट मिला है।
भारत के वायरोलॉजिस्ट्स के अनुसार, इस वेरिएंट में डेल्टा वेरिएंट और बीटा वेरिएंट के लक्षण होते हैं। इनमें से कुछ लक्षणों में शामिल हैं:
विशेषज्ञों द्वारा बताए गए लक्षण जो डेल्टा प्लस वेरिएंट से हो सकते हैं:
ऐसे नाज़ुक समय में जब हम दूसरी लहर के प्रभाव से अभी-अभी बाहर आए हैं और धीरे-धीरे नार्मल हो रहे हैं, लोगों का जागरूक होना और सभी कोविड उपयुक्त व्यवहार का पालन करना ही नए वेरिएंट से बचने का एकमात्र तरीका है।
नया वेरिएंट पहले के वेरिएंट की तुलना में तेजी से फैलता है, ऐसे में डबल मास्क पहनना, सामाजिक दूरी बनाए रखना, रेस्पिरेटरी हाइजीन का अभ्यास करना तथा नियमित रूप से हाथ धोना या सेनेटाइज करना बहुत जरूरी है।
इसके अलावा, वायरस के खिलाफ इम्यूनिटी पाने का वैक्सीनेशन ही एकमात्र तरीका है। अध्ययनों से पता चला है कि कोविड वैक्सीन नए वेरिएंट के खिलाफ प्रभावी साबित हो सकती है, जिनमें डेल्टा वेरिएंट भी शामिल है। इसलिए जल्द से जल्द वैक्सीन लगवाना बेहद ज़रूरी है।
जबकि पिछले कुछ दिनों में किए गए अध्ययनों से पता चला है कि कुछ कोविड वैक्सीन डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ प्रभावी साबित हो रही हैं, लेकिन वैज्ञानिकों ने अभी तक डेल्टा प्लस पर वैक्सीन की प्रभावशीलता का परीक्षण नहीं किया है।
रिपोर्ट्स के अनुसार राजस्थान में एक पूरी तरह से वैक्सीनेटिड 65 वर्षीय महिला में पहला कोविड -19 डेल्टा प्लस वेरिएंट का केस मिला था। महिला कोविड-19 से ठीक हो गई और वैक्सीन के दोनों डोज़ भी लगवा लिए थे। हालाँकि, महिला के सैंपल को जीनोम अनुक्रमण के लिए पुणे स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी में भेजा गया जहाँ सैंपल में डेल्टा प्लस वेरिएंट डिटेक्ट हुआ। उन्हें कोई लक्षण नहीं थे और अब वह कोविड -19 इन्फेक्शन से पूरी तरह ठीक हो चुकी हैं।
इसलिए, यह ध्यान रखना बेहद ज़रूरी है कि नया वेरिएंट पूरी तरह से वैक्सीनेटिड लोगों और कोविड से ठीक हुए लोगों को भी प्रभावित कर सकता है, लेकिन उनमें इन्फेक्शन की गंभीरता कम हो सकती है।
यह कहना जल्दबाजी होगी कि नए वेरिएंट से बच्चों को खतरा है या नहीं। हालांकि इस बात का कोई सबूत नहीं है कि नया वेरिएंट बच्चों को प्रभावित कर सकता है; विशेषज्ञों का मानना है कि कोविड -उपयुक्त सुरक्षा करना ही इसको हराने का तरीका है।
The content is verified and reviewd by experienced practicing Pulmonologist to ensure that the information provided is current, accurate and above all, patient-focused