बिच्छू अक्सर घरों के अंदर दरारों में अपना घर बनाते हैं, बिच्छू अन्य छोटे स्थानों जैसे चट्टानों के नीचे और जलाऊ लकड़ी में भी रहते हैं। यह आश्चर्यजनक है कि ये क्षेत्रीय भी होते हैं। यदि आप बिच्छू के सामने अनजाने से आजाते हैं तो बहुत सम्भव है कि वह आत्मरक्षा के लिए आपको जहरीला डंक मार दे ।
बिच्छू के डंक से पीड़ित रोगीयों से निम्नलिखित प्रश्न पूछे जाने चाहिए:
- डंक मारने का समय
- घटना की प्रकृति
- स्थान विशेष और सामान्य लक्षण
अधिकांश बिच्छुओं का डंक हानिकारक नहीं होता है और शरीर के जिस भाग पर बिच्छू ने डंक मारा हो उसके आसपास केवल दर्द ही होता है। लेकिन अधिक खतरनाक बिच्छुओं का डंक जानलेवा भी हो सकता है।
लक्षण
डंक लगने के निम्नलिखित व इनके अलावा और भी कई लक्षण हो सकते हैं :
- पूरे शरीर में सुनापन
- साँस लेने में कठिनार्इ
- निगलने में कठिनार्इ
- जीभ में सूजन होना और मुख में अत्यधिक लार आना
- जी मचलाना और उल्टी होना
- वाणी का अस्पष्ट होना
- बेचैनी होना
- दौरे पड़ना
- धुंधला दिखाई देना
- मांसपेशियों का अचानक फड़कना
- आँखों का फिरना
- अल्प रक्तचाप
- हृदय की धड़कन का असामान्य रूप से धीमा पड़ना
- अनियंत्रित मल त्याग या मूत्र होना
- घबराहट होना
जहरीलापन
जहर निम्न पर निर्भर हो सकता है:
- डंक लगने का स्थान- सर या धड़ के समीप, तेज़ी से विष फैलना
- डंकों की संख्या
- शरीर के प्रभावित स्थान पर बिच्छू के डंक की गहरार्इ
- पीड़ित की आयु
- पीड़ित का वजन
- संबन्धित रोगों की उपस्थिति
जाँच
जाँच में निम्न शामिल हैं- कम्प्लीट ब्लड काउंट, मूत्र-विश्लेषण तथा क्लॉटिंग प्रोफाइल के साथ मेटाबॉलिक पैनेल। श्वसन या मेटाबॉलिक अव्यवस्था एबीजी सेटिंग में स्पष्ट हो जाती है।
उपचार
बिच्छू के डंक का इलाज इस बात पर निर्भर करता है कि किस प्रकार के बिच्छू ने डंक मारा है और विष की कितनी मात्रा शरीर में गई है। हल्के डंक का ईलाज घर पर ही निम्न प्रक्रिया द्वारा किया जा सकता है:
- डंक लगने के स्थान को पानी से धोना
- बर्फ लगाना
अधिक गम्भीर लक्षणों में विष-निरोधी दवा की आवश्यकता पड़ सकती है। जैसे ही गम्भीर लक्षण दिखें वैसे ही जितनी जल्दी हो सके विष-निरोधी दवा लेना अत्यावश्यक है।
आपातकालीन कक्ष (र्इआर) में चिकित्सा
एबीसी दृष्टिकोण का उपयोग करते हुए पीड़ित पर नज़र बनाए रखें। महत्वपूर्ण लक्षणों पर निगरानी बनाए रखें। साँस लेने में कठिनार्इ या बदली हुर्इ मानसिक स्थिति होते ही, ऐसे में हवा आने के मार्ग को बनाए ।
- बर्फ की सिकार्इ
- प्रभावित हिस्से (हिस्सों) को हिलाए डुलाएं नहीं
- डंक प्रभावित स्थान को हार्ट लेवल से नीचे बनाए रखें
- पीड़ित को आश्वस्त करें और उसे शान्त बनाए रखें
- ऊपर वर्णित तरीके से उस स्थान के घाव की देखभाल करें
- टेटनस प्रोफिलैक्सिस दें
- प्रणालीगत एंटीबायोटिक्स दें
- आर्इवी द्वारा क्रिस्टलॉयड्स दें
- यदि उपलब्ध हो तो विष-निरोधी दवा दें
इसके बाद भी यदि पीड़ित की हालत स्थिर नहीं है या उनमें ज़हर के पर्याप्त लक्षण हैं तो उन्हें भर्ती करने की जरूरत पड़ सकती है। विशेषकर बच्चों में यदि ज़हर के पर्याप्त लक्षण हैं तो आर्इसीयू में रखकर उनके देखभाल की आवश्यकता होती है ।
बचाव
बिच्छू रात में अधिक सक्रिय रहते हैं, पर किसी भी समय डंक मार सकते हैं। आप यदि बाहर हैं जहाँ बिच्छू रहते हैं, तो लम्बी आस्तीन के कपड़े को पहनकर, पैंट, सुरक्षात्मक जूते, दस्ताने का प्रयोग करके खतरे को कम किया जा सकता है। बिच्छूओं के रहने वाले क्षेत्र में जूते और कपड़े आदि को पहनने से पहले उन्हें अच्छे से झाड़ें।
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